Expert View
हमारी टीम ऐसे ही प्रोजेक्ट का चयन करती है जो मुख्य हाईवे पर स्थित हों, जहाँ आज जमीनों के भाव आपकी पहुँच में हों और निकट भविष्य में आपको सरकार की निर्धारित नीतियों तथा विकास कार्यों का लाभ प्राप्त हो सके। हालाँकि लखनऊ से जुड़ने वाले सभी प्रमुख मार्गों की अपनी अलग विशेषताएं हैं किन्तु अगर वर्तमान परिपेक्ष्य में देखा जाए तो आज लखनऊ-अयोध्या हाईवे सबसे चर्चित एवं सरकार की प्राथमिकता में सबसे ऊपर है। जिस प्रकार से लखनऊ उत्तर प्रदेश का केंद्र है उसी प्रकार से अयोध्या भी "श्री राम जन्म-भूमि तीर्थ क्षेत्र" के रूप में जल्द ही सम्पूर्ण भारत का सबसे बड़ा सांस्कृतिक, धार्मिक तथा पर्यटन केंद्र बनने की ओर अग्रसर है। श्री राम मंदिर बनने के पश्चात ना सिर्फ भारत के पर्यटक अपितु पूरे विश्व से भारत आने वाले पर्यटकों के लिए अयोध्या सबसे महत्वपूर्ण पर्यटन केंद्र बनने जा रहा है।
अब आप समझ ही सकते हैं की लखनऊ और अयोध्या को जोड़ने वाला ये फोर लेन हाईवे अपने आप में कितना महत्वपूर्ण है। हर नई डेवलॅपमेंट के साथ हाईवे के आस पास की जमीनों के भाव कई गुना तक बढ़ने की सम्भावना है। शायद यही एक वजह है जिसकी वजह से अनौपचारिक रूप से बाराबंकी को लखनऊ क्षेत्र में सम्मिलित कर लिया गया है और आने वाले समय में बाराबंकी के प्रोजेक्ट्स भी लखनऊ डेवलॅपमेंट अथॉरिटी के अधिकार क्षेत्र में आ जायेंगे जिस से निकट भविष्य में यहाँ के रेट तेजी से बढ़ सकते हैं। अतः हम इन सभी तथ्यों को ध्यान में रखते हुए लखनऊ में नया प्रोजेक्ट इसी हाईवे पर लखनऊ की रिंग रोड से मात्र 10 मिनट की दूरी पर यहाँ लेकर आये हैं। इस प्रोजेक्ट की सबसे बड़ी विशेषता है की ये ठीक लखनऊ-अयोध्या फोर लेन हाईवे पर स्थित है, प्रोजेक्ट पूरी तरह से डेवलप किया जा चुका है, ड्रॉ द्वारा प्लॉट अलॉट होने के पश्चात प्लॉट धारक तुरंत रजिस्ट्री करवा कर प्लॉट का कब्ज़ा ले सकते हैं। इस प्रोजेक्ट में बैंकों द्वारा लोन की सुविधा भी उपलब्ध है। कुल मिलाकर ये कहा जा सकता है की आप हाथों हाथ घर बनाकर अपने परिवार के साथ यहाँ रहना शुरू कर सकते हैं। इन सभी तथ्यों के अतिरिक्त सरकार की प्लानिंग की बात करें तो प्रोजेक्ट के ठीक सामने RTO ऑफिस, रजिस्ट्री ऑफिस तथा उच्च सरकारी अधिकारीयों के आवास की योजना पर कार्य जारी है जिसके लिए भूमि का अधिग्रहण भी हो चुका है। इस प्रकार की महत्वपूर्ण योजनाओं के आने से लखनऊ-अयोध्या हाईवे पर स्थित हमारे इस लखनऊ प्रोजेक्ट की अहमियत समय के साथ बढ़ती ही रहेगी।
पब्लिक ट्रांसपोर्ट की बात की जाए तो टाउनशिप के गेट तक दिन रात चौबीसों घंटे सरकारी तथा प्राइवेट वाहनों की उपलब्धता रहती है। कनेक्टिविटी के लिहाज से बात करें तो लखनऊ शहर भी अब महानगरों की तरह रिंग रोड कल्चर में ढल रहा है। किसी भी शहर का रिंग रोड एक ऐसा माध्यम होता है जिसकी सहायता से आप शहर के अंदर प्रमुख स्थानों पर कम समय में आसानी से पहुँच जाते हैं और साथ ही रिंग रोड से होते हुए आप शहर से जुड़ने वाले अन्य प्रमुख मार्गों तक भी आसानी से पहुँचते हैं। और यह विशेष लाभ लखनऊ के नए प्रोजेक्ट में भी यहाँ के निवासियों को सदैव मिलता रहेगा।
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ABSAY के बारे में
हमें अपनी परियोजना, अखिल भारतीय सुरक्षा आवास योजना (ABSAY) के बारे में साझा करने में खुशी हो रही है, जिसे हमने भारतीय अर्ध सैनिक बल के कार्मिकों के लिए तैयार और डिजाइन किया है। वर्तमान में हम भारत के 25 शहरों में हज़ारों घर बनाने के इच्छुक अर्ध सैनिक बल कार्मिकों की सेवा कर चुके हैं। जब हमने भारतीय अर्ध सैनिक बल कार्मिकों के लिए उपयुक्त जीवन शैली के अनुरूप परियोजना की तैयारी शुरू की, तो यह निम्न कारणों से एक जटिल कार्य था:-
- एक विशिष्ट सामाजिक समूह बनाना था (अर्ध सैनिक बल)
- सम्पूर्ण भारतवर्ष में परियोजनाएं लानी थीं (30 भारतीय शहर)
- गुणवत्ता में समझौता किए बिना किफायती परियोजनाएँ लाना
- सामाजिक एवं भावनात्मक जीवन के लिए अनूकूल
- भौगोलिक एवं सांस्कृतिक विविधता के लिए उपयुक्त
रियल एस्टेट इंडस्ट्री में IPAN के एक दशक से अधिक के अनुभव के आधार पर हम इस चुनौती को बखूबी निभाने में सफल रहे हैं। IPAN भारत की सबसे बड़ी रियल एस्टेट सलाहकार कंपनियों में से एक है जो भारत के 25 से अधिक शहरों में मौजूद है और वर्ष 2022 में एक दर्जन से अधिक और नये शहरों में हम अपनी सेवाएँ शुरू करेंगे। हमारे बहुत से प्रोजेक्ट्स में ग्राहकों के पक्ष में रजिस्ट्रियों का निष्पादन किया जा रहा है और प्रोजेक्ट की पोसेशन भी ऑफर कर दी गयी है। लगभग एक दर्जन और परियोजनाओं का वर्ष 2022 में पोसेशन ऑफर कर दिया जाएगा।
ABSAY के माध्यम से, हमने सामूहिक खरीदारी की अवधारणा को सफलता पूर्वक निष्पादित किया है। सामूहिक खरीदारी के अंतर्गत घर खरीदने पर अर्ध सैनिक बल के कार्मिकों को अन्य फायदों के साथ साथ कीमत में भी लाभ मिलता है। बिचौलियों, प्रॉपर्टी डीलरों और एजेंटों को बीच से हटाकर हमने सीधे अर्ध सैनिक बल के कार्मिकों से संपर्क किया। हमने उनके पसंद के दो शहरों के लिए उनके रजिस्ट्रेशन करने के साथ शुरुआत की। एक निश्चित संख्या होने के बाद, हम संबंधित शहर के मुख्य बिल्डरों से संपर्क कर प्रोजेक्ट लाते हैं, इस पूरी प्रक्रिया से कई खर्चों को बचाया जाता है जैसे कि मार्केटिंग का खर्च, भूमि में निवेश पर ब्याज का खर्च इत्यादि और इसी बचत को सामान्यतः छूट के रूप में अर्ध सैनिक बल के कार्मिकों को दिया जाता है।